Friday, July 9, 2021

बैडरूम -(भाग-8)

 



           ★★शुरू से अभी-तक"★★

            राजेश और कामिनी अपने माता पिता, देवदत्त और सुहासिनी को अपनी कोठी में शिफ्ट होने हेतु एक दिन पहले उन्हें दिखाने के लिए ले जाते हैं । पिता देवदत्त को अच्छा नही लगता क्योंकि सारी कोठी में उन्हें अपने लिए कोई बैडरूम दिखाई नहीं देता  । राजेश औऱ  कामिनी मार्केट में सामान लेने गए होते हैं तो देवदत्त और  सुहासिनी दादी कृष्णा दत्त  के बीमार होने का बहाना बनाकर वहां से लुधियाना अपने भाई लक्ष्मी दत्त के पास चले जाते हैं ।
वहाँ जाकर उन्हें अपनी  सारी गाथा सुनाते हैं । भाई लक्ष्मीदत्त, देवदत्त को समझाते हैं कि तुम्हें अपने बेटे से बात करनी चाहिए थी । हालांकि भाई लक्ष्मी दत्त बहुत पहले से देवदत्त को लुधियाना  आने के लिए प्रेरित करते रहे थे ।
इधर राजेश और कामिनी दोनों परेशान हो जाते हैं | पोते  पिन्टू को दादू देवदत्त से काफी मोह होता है तो वो रो रो कर बेहाल हो जाता है । बार-बार जब राजेश और कामिनी बाबूजी जी को फोन करते हैं तो देवदत्त फोन आफ कर देते हैं ।
देवदत्त औऱ लक्ष्मीदत्त में फिर उनके पिता जी  ईश्वर दत्त  द्वारा जब विल बनाई गई थी उसमें जो देवदत्त को गिले  शिकवे थे उसके बारे में काफी बहस होती है  । लक्ष्मीदत्त ने जोर डाला कि ऊपर वाला पहला तल अब तुम्हारा है बहुत बढ़िया है अगर बेटे से कुछ ऐसा हो  भी जाता है  तो तुम सब यहीं आ जाना । वैसे तुम्हें कोई गलत फहमी भी हो सकती है तुम्हें उस से बात कर के आना चाहिए था, उन्होंने फिर कहा । इसी दुविधा और बात चीत करते करते रात हो जाती है  और दोनों देवदत्त और सुहासिनी पहले तल पर  सोने चले जाते हैं । सुबह-सुबह कामिनी का फोन आता है पिन्टू सीढ़ियों से गिर गया है  उसका सर फट जाता  है । वो कहती है  तुम जल्दी आ जाओ । पिन्टू की खबर सुन देवदत्त बेहोश हो जाता है । शाम की गाड़ी से देवदत्त और कामिनी लुधियाना से दिल्ली की ओर रवाना हो जाते हैं ।
इधर राजेश पिन्टू को अस्पताल ले जाता है । बाद में कामिनी भी घर बंद कर चाबी पडौसी मालती को दे कर अस्पताल चली जाती हैं । पीछे से अमेरिका से राजेश का छोटा भाई मुकेश आ जाता है | पड़ोसन मालती से मिलता है वो उसे बताती है कि वो लोग उसे पिन्टू की बात बताती  हैं |
मुकेश अस्पताल पहुंच जाता है पिंटू आई.सी. यू भरती होता है | | आपरेशन ठीक ठाक हो जाता है मुकेश और कामिनी घर पर आ जाते हैं |
राजेश अस्पताल में ही रुक जाता है | पिता देवदत और माँ सुहासिनी ने सुबह गाडी से दिल्ली पहुंचना होता है |
राजेश सुबह ट्रेन के आने के वक्त के हिसाब से सुबह सात बजे बाबूजी को फोन लगाता है |
बाबूजी फोन उठाते हैं फिर काट देते हैं |

इससे राजेश बहुत परेशान हो जाता है ।

★★★★★★★★★★

अब आगे ------

       घर पर मुकेश और भाभी कामिनी सारी रात बतियाते हुए बहुत देर से सोते हैं तो सुबह नींद बहुत देर से खुलती है |
सुबह के दस बज जाते हैं मुकेश की नींद खुलती है |
वो घडी देखता है दस बज चुके होते हैं |

वो भाभी कामिनी को जा कर उठाता है - "भाभी लेट हो गए हैं जल्दी उठो"

कामिनी हडबडाहट में उठती है |

        घडी देख कर वो भी परेशान हो जाती है  और राजेश की चिंता होने लगती है मुकेश को बोलती है मुकेश भय्या --"क्या भय्या का फ़ोन नहीं आया ?"

"नहीं" मुकेश ने छोटा सा जवाब दिया |

            कामिनी घबरा जाती है मुकेश से  कहती है  -- सुबह  से  इंतज़ार  कर  रहे होंगे  आज बाबू जी ने भी आना था "

ये कहती हुई राजेश को फ़ोन लगाती है | फोन की बेल बजती रहती है | वो उठाता नहीं है ।

  मुकेश और कामिनी अब और परेशान हो जाते हैं |
उनके दिमाग में परेशानी ये की न राजेश ने उसे  फोन  किया  न  ही वो खुद फोन पिक कर रहे हैं |  ये क्या माजरा है ,?

कुछ सोच कर कामिनी बाबू जी को फोन लगाती है |
बाबूजी का फोन स्विच आफ आता  है |

ये सोच कर कि बाबूजी का फोन डिस्चार्ज हुआ हो सकता है तो वो मम्मी का फोन लगाती है |
वो भी स्विच आफ आता है |
अब दोनों और भी ज़्यादा घबरा  जाते हैं |
             जल्दी से तैयार हो बिना कुछ खाए वो अस्पताल पहुँचते हैं |

ऊपर जहां पिंटू का आपरेशन हुआ होता है वहाँ लॉबी में राजेश नहीं होता | अंदर डॉक्टर की खोज करते हैं तो वो अभी आया ही नहीं होता |

कामिनी फिर आस पास और पेशेंट्स के रिश्तेदार होते हैं उनसे पूछती है - " यहाँ जो हमारे बेटे के पिता रात को रुके थे उनका कुछ पता है कहाँ गए हैं ?

उनमें से एक ने कहा -- जो रात को ये वाला कम्बल ले के सोए थे ? ( कम्बल दिखाता हुआ )

कामिनी ने झट से कहा --"हाँ हाँ यही यही"
वो शख्स एक दम से बोला _ मैडम वो तो सुबह जब जमादार आया तो उसने बताया कि कोई आदमी यहाँ बेहोश पड़ा है ? तो उसे इमरजेंसी वार्ड में ले गये थे वहीँ जा कर पता कीजिये |

कामिनी पर तो जैसे पहाड़ टूट पडा | वो दोनों भागते हुए इमरजेंसी वार्ड की और दौड़े |

हर्ष महाजन 'हर्ष'
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क्रमश:

भाग-9
Coming soon

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